हाय हेलो होला , मैं प्रज्ञा मिश्रा " श्रेया " हाजिर हूं आज प्रतिलिपि पर अपने सफर के बारे में बताने। वैसे तो प्रज्ञा मिश्रा मेरी माँ का नाम है और मैं उनकी श्रेया। इस नाम को लेकर बस मैं इतना ...
Pratilipi family - "shreyains💜"
हे....हाय.... इधर इधर.... हा इधर.......
मेरे प्रोफ़ाइल पर आने से आपके चेहरे पर कुछ लग गया है,,,,,
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ओह,,,,ये तो स्माइल 😊 है,,,,,,
श्रेया.......नाम तो सुना ही नहीं होगा😁
Insta I'd : IDOL'S QUEEN 👑
I'm not writer.... I'm a painter 🌈
Who fills colour in your life 💜🧑🎨
सारांश
Pratilipi family - "shreyains💜"
हे....हाय.... इधर इधर.... हा इधर.......
मेरे प्रोफ़ाइल पर आने से आपके चेहरे पर कुछ लग गया है,,,,,
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ओह,,,,ये तो स्माइल 😊 है,,,,,,
श्रेया.......नाम तो सुना ही नहीं होगा😁
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बहुत अच्छा लगा आपके बारे में पढ़ कर.. छोटी हो लेकिन फिर भी बहुत बड़ी हो यार...!
आपके पहले फॉलोवर आपके पापा थे ये जानकर बहुत खुशी हुई क्योकि मेरे पहले फॉलोवर भी मेरे पापा ही थे और सबसे पहली समीक्षा भी उन्होंने ही दी थी मेरी कविता पर.. ये जो पापा लोग होते है न ये सच मे हमारे सुपर हीरोज होते है..
सच कहूं तो आप कभी बच्ची लगी ही नहीं.. जिस वे में आप कहानियां लिखती है काबिले तारीफ है..! गॉड ब्लेस यु बस ऐसे ही लिखती रहिए...💐💐💐💐💐😊😊
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सुपरफैन
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लेखिका जी.. आपका सफर बोहोत ही अच्छा और खुबसूरत हैं। मैने जब प्रतिलिपि एप के बारे में अपनी एक फ्रेंड से सुना था की कई कहानियां इस एप पे पढ़ने को मिलती हैं.. मुझे वैसे तो किताबे पढ़ना पसन्द था इस वजह से में मोबाइल पे ऐसे स्टोरीज नही पढ़ती थी.. पर फिर मैने जब ये एप डाउनलोड किया और कहानियां पढ़ना शुरू किया.. तो मुझे ये बोहोत पसंद आने लगा.. पता है फिर मेरी मुलाकात आइडल्स से हुए.. उसके बाद तो मेरी जिंदगी मानो जैसे हैप्पी हैप्पी हो गई.. सच कहूं तो आपकी वजह से मुझे मेरी खुशी और सुकून दोनो मिले.. आप एक बोहोत अच्छी इंसान हैं। गॉड ब्लेस यू लेखिका जी 🤍। एक और बात की आप जल्दी से ठीक हो जाइए.. गेट वेल सून 🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍❤️
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अच्छा लगा आपके बारे में जानकर। आपकी लेखन यात्रा सच में बहुत प्रभावी है। जिस तरह आपने लेखन कैसे करें बताया वह सच में सीखने लायक बात है। और आपने बताया कि आपके पापा आपके पहले सपोर्टर हैं तो मैं भी आपसे जुड़ा मेहसूस कर पाई क्योंकि मेरा भी कोई काम बिना पापा के पूरा नहीं होता और सच बताऊं तो मैं करना भी नहीं चाहती। रही आपको 40 -50 की उम्र का समझने की बात तो मैं बता दूं कि यही गलती मैंने भी की थी। और कमेंट कर आपको बताया भी था पर मैं 40- 50 नहीं अपनी उम्र से बड़ा मान रही थी । आपकी वास्तविक उम्र का अंदाजा लगा पाना सच में मुश्किल है आपकी कहानी पढ़कर!!! मैंने अभी तक आपकी दो कहानियां पढ़ीं हैं एक तो प्यार हो गया और दूसरी short story है सौतेला बाप !! सौतेला बाप पड़कर मुझे प्रेमचंद्र जी की कहानियों की याद आ गई। आप सोच रहे होंगे की इतने बड़े व्यक्तित्व से तुलना कर दी मैंने!! पर सच में उस कहानी में जिस तरह ग्रामीण परिवेश का वर्णन हुआ उसमे मुझे कुछ प्रेमचंद्र जी की झलक दिखी जो आजकल हर कहानियों में देखने नहीं मिलती। और मैं क्या ही कहूं बस आपको आपकी आगे की कहानियों के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं... ऐसा ही लिखते रहें जिससे हम लोग हमेशा अच्छा विषय पढ़ सकें नहीं तो प्रतिलिपि में कहानियों की कमी नहीं हैं पर हर कहानी की विषय वस्तु (content)अच्छी नहीं हैं।
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बहुत अच्छा लगा आपके बारे में पढ़ कर.. छोटी हो लेकिन फिर भी बहुत बड़ी हो यार...!
आपके पहले फॉलोवर आपके पापा थे ये जानकर बहुत खुशी हुई क्योकि मेरे पहले फॉलोवर भी मेरे पापा ही थे और सबसे पहली समीक्षा भी उन्होंने ही दी थी मेरी कविता पर.. ये जो पापा लोग होते है न ये सच मे हमारे सुपर हीरोज होते है..
सच कहूं तो आप कभी बच्ची लगी ही नहीं.. जिस वे में आप कहानियां लिखती है काबिले तारीफ है..! गॉड ब्लेस यु बस ऐसे ही लिखती रहिए...💐💐💐💐💐😊😊
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लेखिका जी.. आपका सफर बोहोत ही अच्छा और खुबसूरत हैं। मैने जब प्रतिलिपि एप के बारे में अपनी एक फ्रेंड से सुना था की कई कहानियां इस एप पे पढ़ने को मिलती हैं.. मुझे वैसे तो किताबे पढ़ना पसन्द था इस वजह से में मोबाइल पे ऐसे स्टोरीज नही पढ़ती थी.. पर फिर मैने जब ये एप डाउनलोड किया और कहानियां पढ़ना शुरू किया.. तो मुझे ये बोहोत पसंद आने लगा.. पता है फिर मेरी मुलाकात आइडल्स से हुए.. उसके बाद तो मेरी जिंदगी मानो जैसे हैप्पी हैप्पी हो गई.. सच कहूं तो आपकी वजह से मुझे मेरी खुशी और सुकून दोनो मिले.. आप एक बोहोत अच्छी इंसान हैं। गॉड ब्लेस यू लेखिका जी 🤍। एक और बात की आप जल्दी से ठीक हो जाइए.. गेट वेल सून 🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍❤️
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